सब कुछ अनुकूल नहीं होता तब भी जीना होता है !!

सब कुछ अनुकूल नहीं होता तब भी जीना होता है !!

Oct 13, 2023 - 16:19
Oct 13, 2023 - 16:18
 0
सब कुछ अनुकूल नहीं होता तब भी जीना होता है !!
सब कुछ अनुकूल नहीं होता तब भी जीना होता है !!

कभी-कभी एक वक्त ऐसा भी आता है ,जब अपने आप पर ही बेतरह गुस्सा आता है !! बहुत सी चीजें ,,जो हम नहीं चाहते कि होनी चाहिए ,वो हमारी आंखों के सामने होकर हमारी आंखों के सामने से ही गुजर जाती है ,ठीक इसका उल्टा भी ,कि हम चाहते हैं कि यह चीजें अगर होती तो कितना अच्छा होता ,लेकिन होता यह है कि वो चीजें होती ही नहीं !!
              तो हमारे मन के अनुकूल भला कहां होता है सब कुछ और कभी-कभी तो इतना प्रतिकूल हो जाता है कि हम अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं ,बहुत बार अपनी जिंदगी में अपनी तुनकमिजाजी के कारण बहुत सारे लोग बहुत सारे रिश्ते खो देते हैं ,हालांकि यह भी सच है कि उनके दिल में यह संभव है कि कोई मैल ना हो ,लेकिन यह बात तो सिर्फ उन्हें समझने वाले ही उन्हें जानने वाले ही तो जान सकते हैं ना ?? हर कोई तो नहीं जान सकता !! 
      लेकिन कभी-कभी उन जानने वालों के बीच भी ऐसी तनातनी होकर गुजरती है कि फिर उसके बाद जो कुछ घटता है ,वह बहुत विचलित करता है और यह तो बहुत ही उद्वेलित कर देने वाली बात है कि कभी किसी वक्त में आपका किसी से झगड़ा हुआ और आपकी उससे बात बंद हो गई और वह आपका बहुत ही गहरा मित्र था और इसी अबोले में उसकी मृत्यु हो गई ,तो यह दर्द ,तो इस अबोलेपन का दर्द आपको न जाने कितने ही दिन या कितने ही बरस सालता रहता है और कभी-कभी तो यह दर्द जिंदगी भर भी कायम रह सकता है !!
          लेकिन अ मेरे प्यारे दोस्त !! गुजरी हुई बातों से सीखना ही तो हम सबके लिए सबसे अच्छी दवा होती है !! अपने ही दर्द की उसी सीख में छिपा हुआ होता है अपने आपको संभाल लेना ,अपने आप को सुधार लेना और अपने-आपको सँवार लेना और मुझे खुशी है कि इस वक्त को तुमने अपनी सीख में परिणत किया और इस सीख के द्वारा आगे आने वाले दिनों में अन्य लोगों से तुम्हारी दोस्ती और मजबूत और गहरी होने की पूरी संभावना है !!
            हालांकि मैं ऐसा नहीं कह सकता कि इसमें बहुत देर हो गई है ,क्योंकि जिसने जाना है ,उसने तो जाना ही है !! अब कोई कैंसर से पीड़ित रोगी था ,तो वह भला कितने दिन इस धरती पर टिकता !! अच्छा हुआ कि ईश्वर ने उसे उसके द्वारा भोगे जा रहे दर्द से मुक्त कर दिया ,उसे अपने पास बुला लिया !! किन्तु इसके अपराधी निश्चित तौर पर तुम या कोई और कोई नहीं है ,यह प्रारब्ध ईश्वर द्वारा उस व्यक्ति विशेष के लिए लिखा गया था, ठीक वैसे ही जैसे हम सब के लिए हम सब का प्रारब्ध लिखा जा चुका है और जिसे हममें से कोई भी कतई भी नहीं जानता और इस नहीं जानने में ही हमारी भलाई छुपी हुई है !!
             जीवन की असंभावनाएं और संभावनाएं दोनों मिलकर ही हमें खुशी और गम प्रदान करते हैं ,यदि इनका हमको किसी भांति पता चल जाए ,तो यह जीवन बिल्कुल रसहीन, बिल्कुल रंगहीन ,बिल्कुल गंधहीन हो जाएगा और निश्चित ही जीवन को ऐसा नहीं होना चाहिए !! इसीलिए ईश्वर यदि है तो वह जो कुछ कर रहा है ,वह हम सब के लिए बेहतर कर रहा है या फिर ईश्वर नहीं है तो भी जो कुछ भी घट रहा है ,उसे घटते हुए देखने के सिवा हमारे पास और कोई चारा ही नहीं !!
            इसलिए हम सब जिए खुश रहें ,आनंदित रहें,एक दूसरे के चलने में बाधा न बने ,एक दूसरे के साथ सहयोग करें ,एक-दूसरे को अपार प्रेम करें ,हर एक चेतना को अपनी ही चेतना का विस्तार समझें, बस इसी में हमारे जीवन की सार्थकता है और मैं यह समझता हूं कि हम सबको इस सार्थकता को जल्दी से जल्दी समझ लेना चाहिए और अपने जीवन को सार्थक बना लेने की तमाम चेष्टा करनी ही चाहिए !!

राजीव थेपड़ा
Rajeev Thepra Verma

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow