पकड़ी जाएगी सर्च इंजन के चालाकी, आसान होगी AI से बने कंटेंट की पहचान
सर्च इंजन के इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और यूजर्स को ऑनलाइन देखी जाने वाली सामग्री के बारे में सही निर्णय लेने में सहायता करना है.
टेक दिग्गज कंपनी गूगल ने सर्च रिजल्ट्स के लिए एक नये लेबल को पेश करने की योजना बनायी है, जिससे यूजर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने कंटेंट की पहचान करना आसान होगा. सर्च इंजन के इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और यूजर्स को ऑनलाइन देखी जाने वाली सामग्री के बारे में सही निर्णय लेने में सहायता करना है. गूगल एआई से बने कंटेंट की लेबलिंग को अपने विज्ञापन सिस्टम में भी शामिल करनेवाली है.
गूगल के किन प्रॉडक्ट्स में मिलेगा यह फीचर?
गूगल ने इस बात का ऐलान किया है कि वह कंटेंट सिद्धता और प्रामाणिकता (C2PA) के लिए नयी तकनीकों को अपने प्लैटफॉर्म पर जोड़ने जा रहा है. इससे कंटेंट को विशिष्ट मेटाडेटा के साथ टैग किया जा सकेगा, जो यह दर्शाएगा कि इसे किसी एआई टूल द्वारा बनाया गया है या नहीं. यह लेबल आनेवाले महीनों में गूगल सर्च, इमेज और लेंस जैसे प्रॉडक्ट्स में शामिल किये जाएंगे, और यह ऑनलाइन दुनिया में यूजर्स को अनधिकृत और भ्रमित करनेवाले कंटेंट से बचाएगा.
क्या यह फीचर यूट्यूब पर भी आयेगा?
गूगल पर सामान्य सर्च और विज्ञापन के अलावा, कंपनी इस फीचर को अपने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म यूट्यूब पर भी लागू कर सकती है. गूगल एआई से बने या एआई टूल से एडिट किये गए वीडियो को लेबल करने के तरीके पर काम कर रही है, जिससे यूजर्स को अधिक पारदर्शी तरीके से कंटेंट मिल सके. हालांकि, कंपनी ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यूट्यूब के लिए यह फीचर कब उपलब्ध होगा, लेकिन इसके साल के अंत तक आने की उम्मीद की जा रही है.
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