झारखण्ड समेत 3 राज्यों को मिलेगा रेलवे के तरफ से सौगात जाने....
कैबिनेट ने भारतीय रेलवे में दो नई लाइनों और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दी: कनेक्टिविटी प्रदान करने, यात्रा को आसान बनाने, रसद लागत को कम करने, तेल आयात को कम करने और CO2 उत्सर्जन को कम करने के लिए परियोजना को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की 3 (तीन) परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये (लगभग) है।
परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये (लगभग) है और इन्हें 2028-29 तक पूरा कर लिया जाएगा।
परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 114 (एक सौ चौदह) लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा।
स्वीकृत परियोजनाओं से असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़कर रसद दक्षता में सुधार होगा, मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि होगी और परिवहन नेटवर्क में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित होगी और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
नई लाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को "आत्मनिर्भर" बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
चार राज्यों अर्थात ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 300 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे 2 (दो) आकांक्षी जिलों (नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम) में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी।
ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 45 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (10 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (240 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो 9.7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
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