भारतीय न्याय संहिता विधेयक विरोधियों को चुप कराना :कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह "राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कठोर पुलिस शक्तियों" की अनुमति देता है और इसका उद्देश्य "विरोधियों को चुप कराना" है।
पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक की आलोचना की, जो औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलने के लिए प्रस्तावित है। सिब्बल का आरोप है कि ये विधेयक "राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कठोर पुलिस शक्तियों" के उपयोग की अनुमति देता है। उन्होंने आगे दावा किया कि ऐसे कानून लाने के पीछे सरकार का अंतर्निहित मकसद "विरोधियों को चुप कराना" है। यह आलोचना केंद्र द्वारा आपराधिक कानूनों में सुधार के उद्देश्य से लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए जाने के बाद आई है। इन विधेयकों में आईपीसी, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने का प्रस्ताव है। विशेष रूप से, प्रस्तावित परिवर्तनों में राजद्रोह कानून को निरस्त करना और अपराध की व्यापक परिभाषा के साथ एक नया प्रावधान शामिल करना शामिल
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