East Singhbhum: छात्रों का मनोभाव समझने के गुर सीख रहे शिक्षक, रुचि के अनुरूप बेहतर शिक्षा देने में मिलेगी मदद
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में इन दिनों हाईस्कूल और प्लस टू शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है। उन्नयन योजना के तहत इस प्रशिक्षण में रिसोर्स पर्सन बच्चों के मनोभाव को समझ कर पढ़ाने का गुर शिक्षक सीख रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम में इन दिनों हाईस्कूल और प्लस टू शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है। उन्नयन योजना के तहत इस प्रशिक्षण में रिसोर्स पर्सन शिक्षकों को बच्चों के मनोभाव को समझकर उसके अनुसार पढ़ाने का गुर सीखा रहे हैं। इस तरह का प्रशिक्षण पहली बार आयोजित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कक्षा के दौरान बच्चों की रुचि को समझना और उसके अनुरूप उन्हें ढालना है। इस प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक छात्रों की रुचि के अनुरूप शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। साथ ही, इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को भी देंगे।
पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम
विभाग से प्राप्त निर्देश के बाद छात्रों की रुचि के हिसाब से उन्हें विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। छात्र अपनी रुचि के अनुरूप उच्च शिक्षा में अपना नामांकन करा सकेंगे।
ऐसा होने पर अभिभावकों का दवाब भी कम होगा। स्किल डेवलपमेंट के पाठ्यक्रम को भी इससे जोड़ा जायेगा। विशेषज्ञ की भूमिका में पूर्व छात्रों को शामिल किया जायेगा।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों को ढालने की कोशिश
प्रशिक्षण का फीडबैक भी रिसोर्स पर्सन को अच्छा मिल रहा है। इस तरह की प्रशिक्षण की और अधिक आवश्यकता जताई जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों को ढालने की कोशिश की जा रही है।
रिसोर्स पर्सन के रूप में मौजूद रहे ये शिक्षक
रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित आदिवासी प्लस टू बांगुड़दा के विवेकानंद दरिपा, नरसिंहगढ़ प्लस टू उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक गौतम कुमार लाहा, आदिवासी प्लस टू स्कूल सीतारामडेरा के पंकज कुमार गिरी, विद्यानिकेतन उच्च विद्यालय हल्दीपोखर के मानस रंजन पात्रा, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बालिका जमशेदपुर के अचल पोद्यार, मानुषमुड़िया प्लस टू उच्च विद्यालय बहरागोड़ा के छोटा भुजंग टुडू शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं।
प्रशिक्षण देने वाले सभी शिक्षकों ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। नए और पुराने शिक्षकों के लिए नई शिक्षा नीति को आत्मसात करने के लिए यह प्रशिक्षण कारगर साबित होगा।
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