AI लील लेगा लोगों की नौकरियां? जानें क्या कहते हैं
AI: सलिल पारेख का मानना है कि समय के साथ जनरेटिव एआई को अपनाने की प्रक्रिया में वृद्धि होगी, क्योंकि उद्यमों को इससे होने वाले लाभ और व्यावसायिक परिणाम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए हमें लगता है कि समय बीतने के साथ इसमें तेजी आएगी.
AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) देश-दुनिया में तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है. आम आदमी के साथ-साथ कंपनियों की भी दिलचस्पी भी इसमें बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में चिंता इस बात की है कि क्या यह एआई लोगों की नौकरियों को लील लेगा और नौकरी-पेशा लोग बेरोजगार हो जाएंगे? ऐसे ही सवाल तब भी पैदा किए जा रहे थे, जब रोबोट को दुनिया में ईजाद किया गया था. रोबोट इंसानों की तरह काम करता है, लेकिन यह एआई आभासी दुनिया यानी इंटरनेट की दुनिया में कंटेंट राइटिंग से लेकर हर काम में दखल दे रहा है. इसी बात से लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं कि यह एआई किसी भी सेक्टर को छोड़ नहीं रहा है. इसके पक्ष-विपक्ष में दुनियाभर में बहस छिड़ी हुई है. इस बहस के बीच भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने नौकरी वाली चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है.
AI से कंपनी में छंटनी की आशंका नहीं
इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि जेनरेटिव यानी सृजन से जुड़े आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है और कंपनी में भी इनकी भारी मांग है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इन नए जमाने की तकनीकों के कारण अपनी कंपनी में किसी छंटनी की आशंका नहीं है. उन्होंने कहा कि जनरेटिव एआई पर ग्राहकों की ओर से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और उन्होंने इसकी तुलना अतीत में डिजिटल और क्लाउड प्रौद्योगिकियों के लिए देखी गई प्रवृत्ति से की.
जनरेटिव AI को अपनाने की प्रक्रिया में होगी वृद्धि
सलिल पारेख का मानना है कि समय के साथ जनरेटिव एआई को अपनाने की प्रक्रिया में वृद्धि होगी, क्योंकि उद्यमों को इससे होने वाले लाभ और व्यावसायिक परिणाम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए हमें लगता है कि समय बीतने के साथ इसमें तेजी आएगी, लेकिन हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि यह कैसे विकसित होता है. यह कुछ ऐसा है, जैसे कुछ साल पहले हमने डिजिटल या क्लाउड के साथ शुरुआत की थी.
कर्मचारियों को जनरेटिव AI की ट्रेनिंग दे रही इन्फोसिस
उन्होंने कहा कि अगर इनसे ग्राहकों को लाभ होगा, तो अधिक से अधिक लोग इसे अपनाएंगे. ध्यान देने वाली बात यह है कि अपने भारतीय और वैश्विक कंपनियों की तरह इन्फोसिस भी एआई में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है. इस साल की शुरुआत में इंफोसिस ने कहा था कि वह ग्राहकों के लिए 225 जनरेटिव एआई कार्यक्रमों पर काम कर रही है और जनरेटिव एआई के क्षेत्रों में 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है
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