पति-पत्नी के बीच लड़ाई का कारण बन सकते ये बाते
विवाह के बाद विचारो का मिलाना भी जरुरी है जब जोड़े कठिन समय में एक-दूसरे का साथ ना देते हैं और कभी-कभी छोटी-छोटी बातें रिश्ते को इस हद तक तनावपूर्ण बना सकती हैं कि मूल प्यार करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए विचार अगर मिलते है तो जीवन आसान हो जाता है।
पतियों की पुरानी आदतें: पतियों की कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो पत्नियों को परेशान करती रहती हैं और जिससे घर में झगड़े बढ़ जाते हैं। ये आदतें वैवाहिक रिश्ते में खटास भी पैदा करती है
क्वालिटी टाइम न बिताना: शादी के बाद पतियों द्वारा की जाने वाली सबसे आम शिकायत होती है समय साथ में ना बिताना । पारिवारिक ज़िम्मेदारियो और कार्यालय के काम और अन्य सामाजिक कारण, पति व्यस्त हो सकते हैं, लेकिन यह आवश्यक है कि अपने जीवन संगनी की उपेक्षा कदापि न करें। वैसा करने से पत्नियों को ठेस पहुंचती है और उन्हें ऐसा महसूस होने लगता है कि उन्हें कोई प्रेम नहीं करता।
केवल अपनी माँ की बात सुनना: माँ का स्थान अपूरणीय है, हम ये नहीं कहते की माँ की बाते करना बंद कर दो लेकिन विवाह के बाद जब की कुछ को निर्णय ले तो पत्नी की भी महत्वपूर्ण भूमिका ले वैसा न करने से और लगातार अपनी मां से सलाह लेना और केवल उनकी सलाह पर ध्यान देना पत्नी को परेशान कर सकता है, जिससे पति - पत्नी में झगड़े हो सकते हैं।
कुंवारे आदतों को पकडे रखना : कई विवाहित महिलाएं अपने पतियों द्वारा उनकी कुंवारे आदतों को न छोड़ने से भी परेशान रहती हैं। जबकि लड़कियों को अक्सर छोटी उम्र से ही घर का काम -काज करने के बारे सीखा दिया जाता है, घर को कैसे रखें और जिम्मेदारी कैसे ले उनकी माँ उनको सब बताती है जबकि लड़कों की घरेलू कामों में पत्नी की सहायता नहीं करते हैं तो उनको बुरा लगता है । इससे पत्नी को ऐसा महसूस होने लगता है कि वह एक साथी की बजाय एक माँ की भूमिका निभा रही है।
बच्चों की देखभाल में सहायता न करना: अपने परिवारों में बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी मुख्य रूप से महिला पर होती है। बच्चे से जुड़ी हर चीज़ का प्रबंधन करना पड़ता है, जिससे अत्यधिक तनाव होता है।बच्चों की देखभाल न करना पति से समर्थन की कमी के कारण नाराजगी की भावना और बार-बार बहस हो सकती है।
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