राष्ट्रपति मुर्मु ने किसान अधिकारों पर वैश्विक संगोष्ठी का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में किसान अधिकारों पर वैश्विक संगोष्ठी का उद्घाटन किया और किसानों के महत्व को बताया।
नई दिल्ली में किसान अधिकारों की पहली वैश्विक संगोष्ठी
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में 'किसान अधिकारों पर पहली वैश्विक संगोष्ठी' का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि किसान फसल विविधता के सच्चे संरक्षक हैं और उन्हें असाधारण शक्ति और जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने पौधों और प्रजातियों की विभिन्न किस्मों की संरक्षा की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। संगोष्ठी का आयोजन खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और अन्य संगठनों द्वारा किया गया है। राष्ट्रपति ने भारत की जैव विविधता की प्रशंसा की और कहा कि भारतीय किसानों ने पौधों की स्थानीय किस्मों का संरक्षण किया है जो फसल प्रजनन कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत विविधता से भरपूर एक विशाल देश है, जिसका क्षेत्रफल विश्व का केवल 2.4 प्रतिशत है। विश्व के पौधों की विभिन्न किस्मों और जानवरों की सभी दर्ज प्रजातियों का 7 से 8 प्रतिशत भारत में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता के क्षेत्र में भारत पौधों और प्रजातियों की विस्तृत श्रृंखला से संपन्न देशों में से एक है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की यह समृद्ध कृषि-जैव विविधता वैश्विक समुदाय के लिए अनुपम निधि रही है। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों ने कड़े परिश्रम और उद्यमिता से पौधों की स्थानीय किस्मों का संरक्षण किया है, जंगली पौधों को अपने अनुरूप बनाया है और पारंपरिक किस्मों का पोषण किया है, इससे फसल प्रजनन कार्यक्रमों को आधार मिला है और इससे मनुष्यों और पशुओं के लिए भोजन और पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
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