जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट बनी नीतीश कुमार के लिए गले की हड्डी बना
जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट बनी नीतीश कुमार के लिए गले की हड्डी बना
पटना: हालिया जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट नीतीश कुमार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनकर उभरी रही है, जो संभावित रूप से नीतीश कुमार राजनीतिक समीकरण को पटरी से उतार सकती है। जबकि उनके विरोधियों और उनके साथी ही रिपोर्ट पर सवाल कर रहे हैं, कांग्रेस ने कहा वर्ष 2011 में बिहार की आबादी जब 10 करोड़ थी, तब सवर्णों की आबादी 17 फीसदी आई थी। तो अब कैसे काम हुआ ? BJP ने कहा की ये आकड़ा ही गलत है और ये सब वोट बैंक के लिए किया जा रहा है JDU के अंदर भी रिपोर्ट को लेकर असमंजश की स्तिथि है नितीश कुमार आने वाले दिन में कुछ बड़ा करने का बात कहे है तो आने वाला समय बिहार की राजनीति में बहुत हलचल होने वाली है।
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