रांची के देवड़ी मंदिर पर ग्रामीणों ने ताला जड़ने के विरोध में बुंडू और तमाड़ बंद का क्या है असर, ग्रामीणों की ये है मांग

Sep 6, 2024 - 11:48
Sep 6, 2024 - 11:53
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रांची के देवड़ी मंदिर पर ग्रामीणों ने ताला जड़ने के विरोध में बुंडू और तमाड़ बंद का क्या है असर, ग्रामीणों की ये है मांग

रांची के देवड़ी मंदिर पर ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया है. इसके विरोध आज बुंडू और तमाड़ बंद का अह्वान किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि ट्रस्ट का गठन नियम के तहत नहीं किया गया है.

तमाड़ स्थित दिउड़ी मंदिर  ट्रस्ट के गठन विरोध में हिंदू और आदिवासी संगठन आमने सामने हैं. ग्रामीणों ने गुरुवार को मंदिर में ताला जड़ दिया था. जिसके विरोध में विभिन्न संगठनों ने तमाड़ और बुंडू बंद का आह्वान किया है. जिसका जबरदस्त देखने को मिल रहा है. ज्यादातर दुकानें बंद हैं. लोगों ने ताला लगाने वालों की पहचान कर गिरफ्तारी की मांग की है.

हिंदू समुदाय ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

तमाड़ और बुंडू में आदिवासी समुदाय द्वारा प्राचीनकालीन दिउड़ी मंदिर (Deori mandir) में ताला लगाकर पूजा को बाधित करने के विरोध में सभी दुकानदारों ने स्वतः अपनी दुकानों को बंद कर बंदी का समर्थन किया है. हिंदू समुदाय के लोगों का आरोप है कि मंदिर में ताला लगाने वालों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने मंदिर में ताला लगाने वालों की गिरफ्तारी की मांग की है.

बुंडू और तमाड़ में बंद का क्या है असर

बुंडू और तमाड़ में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद है. लोगों ने मंदिर में ताला लगाने वालों के खिलाफ नारेबाजी की और उनकी गिरफ्तारी की मांग की. प्रशासन ने मामले में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और उसने ताला लगाने वालों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है.

क्यों किया गया है तमाड़ और बुंडू बंद का अह्वान

ताला जड़े जाने की सूचना मिलने पर हिंदू राष्ट्र सेना के तमाड़ मंडल अध्यक्ष गौरव गांगुली भी सैकड़ों लोगों के साथ मंदिर परिसर पहुंच गये और तालाबंदी का विरोध किया. शाम में कई संगठनों ने ताला जड़े जाने के विरोध में मशाल जुलूस निकाला और शुक्रवार को तमाड़ और बुंडू में बंद रखने की घोषणा की. इधर, घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम मोहनलाल मरांडी दल-बल के साथ मंदिर परिसर पहुंचे. एसडीएम ने स्थानीय लोगों से ताला खोलने का आग्रह किया, लेकिन वे ट्रस्ट के गठन के विरोध में अड़े हुए थे.

ग्रामीणों का क्या कहना है

उनका कहना था कि उनकी सहमति के बगैर ट्रस्ट का गठन किया गया है. बाद में प्रशासन ने सख्ती बरती और ताला तोड़ कर मंदिर में पुन: पूजा शुरू करायी गयी. इस बीच एसडीएम और ग्रामीणों के बीच करीब तीन घंटे तक वार्ता चली. ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए थे. उनका कहना था कि ट्रस्ट का गठन नियम विरुद्ध किया गया है. दिउड़ी मंदिर (Deori mandir) के सौंदर्यीकरण कार्य के शिलान्यास के बाद से ही उनकी अनदेखी की जा रही है. इधर एसडीएम ने मंदिर में ताला जड़नेवालों को चिह्नित कर कार्रवाई की बात कही है.

ग्रामीणों की क्या है मांग

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक विकास कुमार मुंडा की ओर से आठ करोड़ रुपये की लागत से होनेवाले सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास छह माह पूर्व किया गया था. ग्रामीणों ने सौंदर्यीकरण के कार्य को भी रोके रखा है. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक नियम के तहत ट्रस्ट का गठन नहीं हो जाता है, तब तक वे मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए तैयार नहीं हैं.

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