किसानों के लिए वरदान बनी खेत तालाब योजना, भू-जल नियंत्रित करने और मिट्टी संरक्षण में मददगार
खेत-तालाब कार्यक्रम सुंदरगढ़ के सभी 17 प्रखंडों में चल रहा है. इसके लिए ओडिशा खनिज असर क्षेत्र विकास निगम वित्तीय मदद दे रहा है.
जंगल, पहाड़ और आदिवासी बहुल ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में लोग धान सहित विभिन्न प्रकार की मौसमी फसलें उगाते हैं. सिंचाई के लिए खेती वाली जमीन पर खेत तालाब (फार्म पौंड) खोदे जा रहे हैं. यह किसानों की आजीविका में सुधार करते हुए भू-जल के स्तर को नियंत्रित करने और मिट्टी संरक्षण में विशेष रूप से मददगार बन रहा है.
सुंदरगढ़ के 17 प्रखंडों में चलाया जा रहा खेत-तालाब कार्यक्रम
खेत-तालाब कार्यक्रम सुंदरगढ़ जिले के सभी 17 प्रखंडों में चल रहा है. इसके लिए ओडिशा खनिज असर क्षेत्र विकास निगम (ओम्बाडसी) वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है. यह परियोजना बागवानी निदेशालय और मृदा संरक्षण एवं जलग्रहण विकास निदेशालय के तहत कार्यान्वित की जा रही है. विभागीय अधिकारी मैदानी सर्वेक्षण के बाद लाभुकों को खेत-तालाब निर्माण के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.
17 प्रखंडों में अब तक बनाये जा चुके हैं 262 खेत तालाब
सुंदरगढ़ जिले में अब तक 262 खेत तालाब बनाये जा चुके हैं. इनमें 238 परियोजनाएं ओडिशा के बागवानी निदेशालय के अधीन हैं, जबकि 24 परियोजनाएं मृदा संरक्षण और जलग्रहण विकास निदेशालय के अधीन हैं. इसके लिए ओम्बाडसी ने वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी है.
अनियमित मानसून से बाधित होता है कृषि कार्य
जलवायु परिवर्तन के कारण अक्सर मानसून में अनियमित बारिश होती है. जितनी बारिश होती है, उसका सारा पानी नदियों और समुद्रों में बह जाता है. दूसरी ओर जनसंख्या वृद्धि के कारण भू-जल का उपयोग भी बढ़ रहा है.
विशेषज्ञ दे रहे भू-जल स्तर बढ़ाने का सुझाव
इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए विशेषज्ञ भू-जल स्तर को बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं. इसे देखते हुए ओम्बाडसी फंड की मदद से विभिन्न खनन प्रभावित जिलों में खेत तालाबों, धान बांधों और सौर ऊर्जा संचालित गहरे कुओं के साथ जल संचयन परियोजनाएं की जा रहीं हैं.
What's Your Reaction?