फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अपंग करने वाली बीमारी का उन्मूलन जनभागीदारी से ही संभव

फाइलेरिया उन्मूलन में स्वास्थ्य विभाग के अलावे अन्य सभी विभागों के साथ जनसमुदाय का सहयोग अपेक्षित है। एमडीए कार्यक्रम के लिए जिले में चल रहा है व्यापक प्रचार-प्रसार

Feb 7, 2024 - 00:12
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फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अपंग करने वाली बीमारी का उन्मूलन जनभागीदारी से ही संभव
फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अपंग करने वाली बीमारी का उन्मूलन जनभागीदारी से ही संभव

उपायुक्त महोदय देवघर द्वारा दिए गए निर्देश पीआरडी विभाग एवं देवघर नगर निगम देवघर द्वारा देवघर नगर क्षेत्र में लोगों को फाइलेरिया रोग से बचाव करने हेतु जागरूक करने में विशेष रूप से सहयोग किया जा रहा है।

जिसके तहत जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, देवघर (पीआरडी) विभाग द्वारा टावर चैक के पास लगे फिक्स्ड एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ऑडियो विजुअल लघु फिल्म के माध्यम से जन जागरूकता किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर देवघर नगर निगम, देवघर द्वारा गली-गली एवं मुहल्ले-मुहल्ले में भ्रमण करने वाली कचरा गाड़ीयों में फाइलेरिया रोधी दवा खाने से संबंधित जानकारी की अपील वाली ऑडियो बजाकर लोगों को जागरूक करने में सराहनीय योगदान किया जा रहा है। साथ ही शिक्षा, आईसीडीएस, नेहरू युवा केन्द्र, जेएसएलपीएस, तेजस्विनी व अन्य विभाग द्वारा भी आपीसी, ऑफिशियल वाट्सएप ग्रुप, ग्राम गोष्ठी, रैली आदि विभिन्न माध्यमों से अपने कार्यालय के पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं पड़ोसियों के साथ ग्रामीणों तथा वार्ड के लोगों को जागरूक करने का कार्य लगातार किया जा रहा है।

 इसके साथ ही विभिन्न प्रिंट मीडिया द्वारा भी लगातार फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम एमडीए 2024 से संबंधित खबरों को प्रतिदिन दैनिक समाचार-पत्रों में स्थान देकर, लिखकर व एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा सामाचार दिखाकर जानकारी आदि अपने पाठकगणों एवं पब्लिक के बीच साझा किया जा रहा है। जिसके माध्यम से भी जागरूकता हो रही है। इसके लिए देवघर के सिविल सर्जन, डॉ रंजन सिन्हा एवं जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है और कहा है कि फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अपंग करने वाली बीमारी का उन्मूलन जनभागीदारी से ही संभव है। इसमें सभी विभागों के साथ जनसमुदाय का सहयोग अपेक्षित है, वरना ऐसे उपेक्षित रोगों का उन्मूलन बहुत ही कठिन हो जाता है, जिसका संक्रमण काल बहुत लंबा होता है।

शुरुआती दौर में इसके लक्षण नहीं दिखते है, तो लोग इसे नजरअंदाज या अनदेखा कर देते हैं और समय रहते इसका निदान नहीं करने पर यह फाइलेरिया बीमारी का 05-25 बर्षों के बाद अचानक से शरीर में लक्षण उभर आते हैं। तब तक काफी देर हो चुकने के कारण यह जीवन भर के लिए प्रभावित व्यक्ति को अपंग बना देती है। जिससे बचने का एकमात्र सरल उपाय है कि साल में एक बार एमडीए के दौरान खिलाए जाने वाले दवा डीईसी एवं अल्बेंडाजोल का सेवन सभी को करना चाहिए।

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