कुष्ठ निवारण leprosy prevention को लेकर जिला स्तरीय समिति की बैठक
कुष्ठ निवारण leprosy prevention को लेकर जिला स्तरीय समिति की बैठक,
कुष्ठ निवारण को लेकर जिला स्तरीय समिति की बैठक
उपायुक्त राँची, श्री राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक
अभियान को सफल बनाने हेतु सघन प्रचार-प्रसार करने एवं गाँव-गाँव तक लोगों को जागरूक करने के दिये निर्देश
उपायुक्त राँची, श्री राहुल कुमार सिन्हा ने संबंधित अधिकारी से राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम 15 से 28 जून 2023 तक राज्य के हर गांव में चलाया जाने को लेकर
उपायुक्त राँची, द्वारा संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कुष्ठ रोगी के संभावित लक्षणों की जानकारी, अधिक जानकारी के लिए सहिया, वालिंटियर, टोल फ्री नंबर-☎-️104 एवं रोग के लक्षणों के प्रति जानकारी जन-जन तक पहुँचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम व्यापक चलाने पर ध्यान दे।
कुष्ठ रोग के संभावित लक्षण
(कोई भी मरीज जिसमें नीचे लिखें संभावित एक से अधिक लक्षण दिखे)
(1) चमड़ी से बदरंग दाग जिसमें पूर्णतः सुनापन या हल्का सुनापन हो
(2) दाग में भोथरापन हो
(3) चेहरा चमकदार या तेलीय दिखाए दे
(4) चमड़ी में गठाने दिखाई दे
(5) कान के किनारे मोटापन या गठाने दिखाई दे
(6) आँख का पलक बंद करने में कठिनाई एवं आँख से पानी आना
(7)भौ का झड़ जाना
(8) नाक का दब जाना
(9) मुख्य सतही तंत्रिकाओं का मोटापन हो जाना
(10) कोहनी या घुटना में दर्द या झुनझुनी होना
(11) ठंडा एवं गर्म महसूस ना होना
(12) हथेली पर सूनापन होना
(13) हाथ या पाँव में सूनापन
(14) हाथ या हथेली पर दर्द रहित घाव या हथेली का जलने का एहसास ना होना
(15) किसी चीज को उठाने या पकड़ने में कमजोरी होना
(16) कमीज के बटन लगाने में कठिनाई
(17) हाथ के उंगलियों एवं पैर के अंगूठा में झुनझुनी
(18) हाथ/पाँव में झुनझुनी होना
(19) हाथ/पाँव की उंगलियों का मुड़ जाना
(20) पैर के तलवे एवं हाथ का सूनापन
(21) चलते समय चप्पल का अपने आप निकल जाना
(22) पंजा को ऊपर नही उठा पाना/कलाई का झूल जाना
उपचार
एम•डी•टी• के सारे खुराक का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो यह पूर्णतः ठीक हो सकता है
उपचार एवं इसकी दवा (एम•डी•टी) सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त में दिया जाता हैं।
गाँव की सहिया द्वारा रोगी के प्रति जवाबदेही
(क) संदेहास्पद रोगी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भेजना *
(ख) इलाजरत रोगी का नियमित रूप से देखभाल करना।
(ग)रोग के बारे में एवं उसके उपचार के बारे में रोगी को सलाह देना
(घ)रोग के विषय में जागरूकता संवाद फैलाना।
(च) स्वयं देखभाल के दिशा में रोगी को मार्गदर्शन देना।
(छ) स्वस्थ व्यक्तियों जो रोगी के सम्पर्क में हो उनका जाँच करना
(ज) विशेष शिविर में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करना।
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