बंगाल के बाद झारखंड में भी ED को खतरा, बढ़ाया जा रहा सुरक्षा घेरा; इस महीने दिखेगा जांच एजेंसी का बड़ा एक्शन!
ईडी अफसरों के खिलाफ साजिश रचने की पुष्टि और बंगाल के बाद अब झारखंड में भी खतरा को भांपकर ईडी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी। ईडी ऑफिस की सुरक्षा में केंद्रीय बल की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति की जा रही है। ईडी के अधिकारियों का सुरक्षा घेरा भी मजबूत किया जा रहा है। संभावना बन रही है कि इसी माह ईडी कुछ रसूखदारों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने की पुष्टि व बंगाल के बाद अब झारखंड में भी खतरा को भांपकर ईडी ने तैयारियां शुरू कर दी है। ईडी कार्यालय की सुरक्षा में केंद्रीय बल की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति की जा रही है। ईडी के अधिकारियों का सुरक्षा घेरा भी मजबूत किया जा रहा है।
संभावना बन रही है कि इसी माह ईडी कुछ रसूखदारों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करेगी। ईडी ने सुरक्षा के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी पत्राचार किया था, जिसके बाद से ही सुरक्षा कड़ी करने की कवायद चल रही है।
ED की सुरक्षा में CISF जवानों को लगाया गया
वर्तमान में ईडी की सुरक्षा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के जवानों को लगाया गया है। यहां करीब एक कंपनी सीआइएसएफ के जवान हैं। इसके अतिरिक्त सीआरपीएफ के जवान भी स्टैंडबाय मोड में रहते हैं। वर्तमान में छापेमारी में ईडी इन्हीं दोनों बलों को साथ रखती है।
ईडी कार्यालय में झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी भी प्रतिनियुक्त थे, जो समन आदि जारी होने पर संबंधितों को तामिला करवाते थे। अब ईडी ने झारखंड पुलिस के अधिकतर अधिकारियों को अपने कार्यालय से हटा दिया है। इतना ही नहीं, ईडी कार्यालय के गेट, ग्रिल व चारदीवारी आदि को इस कदर ढकवा दिया है कि बाहर से से कोई अंदर ताक-झांक नहीं कर सकता है।
ईडी के खिलाफ साजिश रचने के मामले का हो चुका है पर्दाफाश
ईडी के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने के मामले का पूर्व में ही पर्दाफाश हो चुका है। ईडी ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल शपथ पत्र में भी इसका जिक्र किया था। ईडी के विरुद्ध आपराधिक साजिश रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रची गई थी, जिसका मास्टरमाइंड नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश था।
प्रेम प्रकाश 25 अगस्त 2022 को जेल जाने के बाद से ही ईडी के विरुद्ध आपराधिक साजिश रच रहा है। ईडी ने जांच में पाया कि प्रेम प्रकाश ने नक्सलियों से लेकर संगठित अपराध के सरगना तक से जेल में संपर्क साधा कि किसी तरह ईडी के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाया जाय।
हालांकि, उसकी साजिश सफल नहीं हो सकी और उसका पूरा ताना-बाना ही उजागर हो गया और उसकी साजिश का भंडाफोड़ हो गया।
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